सोची समझी साजिश... चुनाव नियमों में बदलाव को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर क्या लगाए आरोप?

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव करने को लेकर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह चुनाव आयोग की संस्थागत शुचिता को नष्ट करने

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव करने को लेकर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह चुनाव आयोग की संस्थागत शुचिता को नष्ट करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ‘व्यवस्थित साजिश’ का हिस्सा है। खरगे ने यह भी कहा कि मोदी सरकार द्वारा चुनाव आयोग की निष्ठा को जानबूझकर खत्म किया जाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

सरकार ने चुनाव नियमों में किया है बदलाव

सरकार ने चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोक दिया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके। चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे गये कागजात या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है।

खरगे ने मोदी सरकार पर लगाया साजिश का आरोप

खरगे ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, ‘चुनाव संचालन नियमों में मोदी सरकार का दुस्साहसिक संशोधन भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की उसकी व्यवस्थित साजिश के तहत किया गया एक और हमला है।’ उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘इससे पहले, उन्होंने चीफ जस्टिस को उस चयन समिति से हटा दिया था जो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती है और अब वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को रोकने में लगे हैं।’

mallikarjun kharge tweet


'चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा'

खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसी चुनाव संबंधी अनियमितताओं के बारे में जब भी चुनाव आयोग को पत्र लिखा है तो उसने इसका तिरस्कारपूर्ण लहजे में जवाब दिया है और कुछ गंभीर शिकायतों को स्वीकार भी नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘इससे यह फिर साबित होता है कि चुनाव आयोग अर्ध-न्यायिक निकाय होने के बावजूद स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है।’

खरगे ने कहा, ‘मोदी सरकार द्वारा चुनाव आयोग की शुचिता को जानबूझकर नष्ट करना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उनकी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।’

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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